100+ Paheliyan to-test your logic |पहेलियाॅं उत्तर सहित आपके दिमागी कसरत के लिए।

Paheliyan - हम आपके लिए लेकर आये है, 100+ पहेलियाॅं उत्तर सहित का (100+ Paheliyan with answers) आपके दिमागी कसरत के लिए। जिसमें कुछ पहेलियाॅं सरल है तो कुछ पहेलियाॅं-कठीन है। दोस्तो, एक कथन, प्रश्न-या वाक्यांष में छिपे हुए एक दोहरे अर्थ-का सही उत्तर देना ही पहेली (Paheli) कहलाता है। इन पहेलियाॅं को हल करते हुये हमारे दिमाग की कसरत काफी अच्छे से हो जाती है। जो की हमारी Mental Health के लिए जरूरी भी है। तो चलिए देखते है, आप इन 138+ Paheliyan-में से कितनी पहेली (Paheli) का उत्तर दे पाते है।

रोज शाम को आती हूं मैं- पहेली

31.Paheliyan

रोज शाम को आती हूं मैं, रोज सवेरे जाती हूं, नींद न मुझको कभी समझना, यद्यपि आपको सुलाती हूं।

Roj shaam ko aati hu mai, roj savere jaati hu, nend na mujhko kabhi samjhna, Yadyapi aapko sulati hu mai.

    उत्तर - रात

एक गुलदस्ता ऐसा - पहेली

32.Paheliyan

एक गुलदस्ता ऐसा देखा, करते नहीं जो भेंट, खाने के काम वो आए, उस में फूल अनेक।

Ek Guldasta aisa dekha, karte nahi jo bhet, khane ke kaam wo aaye, us mein phool anek.

    उत्तर – फूलगोभी

नाक पकड़कर, खींचता कान- पहेली

33.Paheliyan

नाक को पकड़कर, खींचता है कान, कोई नहीं इसे कुछ कहता, बताओ उसका नाम |

Naak pakadkar, khichta hai kaan, koi nahi ise kuch kehta, batao uska naam.

    उत्तर – चश्मा
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मुँह है पर मौन हूँ - पहेली

34.Paheliyan

आँखें हैं पर अंधी हूँ, पैर हैं पर लंगड़ी हूँ, मुँह है पर मौन हूँ, बताओ मैं कौन हूँ  ?

Ankh hai par andhi hu, pair hai par lagdi hu, muh hai par moun hu, batao mai kon hu ?

     उत्तर - गुड़िया

चलती फिरती बस्ती है - पहेली

35.Paheliyan

डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |

Dabbe par dabba, dabbe ka gaon, chalti-firti basti hai, lohe ke paw.

    उत्तर – रेलगाड़ी

गोल गोल महल है मेरा- पहेली

36.Paheliyan

गोल गोल महल है मेरा, हर कमरे में रस, जो हीं मुंह में डालोगे, हो जाओगे मदमस्त।

Gol-Gol mahal hai mera, har kamre me ras, jo hi muh me dalonge ho jaoge madmast.

    उत्तर- जलेबी
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धीरे से चलकर यह है आती - पहेली

37.Paheliyan

धीरे से चलकर यह है आती, खिलखिला कर हंसी बनाती, न है नाक पर और न कान, होठों पर उसकी पहचान।

Dheere se chalkar yah hai aati, khilkhilakar hasi banati, na hai naak par aur na kaan, hontho par uski pehchaan.

    उत्तर - मुस्कान

प्रथम कटे तो दर हो जाऊं - पहेली

38.Paheliyan

प्रथम कटे तो दर हो जाऊं, अंत कटे तो बंद हो जाऊं, केला मिले तो खाता जाऊं, बताओ मैं हूं कौन?

Pratham kate to dar ho jau, ant kate to band ho jau, kela mile to khaata jau, batao main hoon kaun?

    उत्तर- बंदर
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धूप देख मैं आ जाऊँ- पहेली

40.Paheliyan

धूप देख मैं आ जाऊँ, छाँव देख शर्मा जाऊँ, जब हवा करे मुझे स्पर्श, मैं उसमे समा जाऊँ, बताओ बताओ कौन हूँ मैं ?

Dhoop dekh mai aa jau, chaav dekh sharma jau, jab hawa kare mujhe sparsh, mai usme sama jaau, batao batao kon hu mai?

    उत्तर - पसीना

प्रथम कटे तो चार - पहेली

41.Paheliyan

तीन अक्षरों का मेरा नाम, प्रथम कटे तो चार, कैसे हो तुम मैं जानू, बोलो तुम सोच विचार।

Teen Aksharo ka mera naam, pratham kate toh chaar, kaise ho tum mai janu, bolo tum soch vichar.

    उत्तर - अचार

मेरे नाम के दो मतलब हैं - पहेली

42.Paheliyan

मेरे नाम के दो मतलब हैं, दोनों के हैं अर्थ निराले, एक अर्थ में सब्जी हूं मैं, एक अर्थ में पालने वाले।

Mere Naam ke do matlab hai, dono ke hai arth nirale, ek arth mein sabji hu mai, ek arth me palne wale.

    उत्तर - पालक
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कान पकड़कर पढ़ाऊँ- पहेली

43.Paheliyan

अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ, तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |

Agar Naak par mai chadh jaau, toh kaan pakadkar khub padhau.

    उत्तर – चश्मा

एक लाठी की कहानी - पहेली

44.Paheliyan

बच्चों! एक लाठी की सुनो कहानी, छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |

Bachoo! ek laathi ki suno kahani, chupa hai jisme mitha-mitha pani.

    उत्तर – गन्ना
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